नई दिल्ली (एजेंसी)। अयोध्या राम जन्मभूमि के मुकदमे को सुनने वाले न्यायाधीश जस्टिस शरद अरोवद बोबडे अयोध्या विवाद आठ वर्ष तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहने के सवाल पर कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि ऐसा जानबूझकर हुआ। इसके पीछे और कई कारण हो सकते हैं। जैसे मुकदमे से जुड़े रिकार्ड के अनुवाद में बहुत वक्त लगना, सुनवाई करने वाली पीठ का गठन न हो सकना आदि। भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश नियुक्त होने के बाद जस्टिस बोबडे से पूछा गया कि क्या फैसला लिखने में न्यायाधीशों की अपनी आस्था और विश्वास का प्रभाव होता है तो उन्होंने कहा नहीं ऐसा नहीं है। न्यायाधीश इस सबसे ऊपर उठ कर मुकदमे के तथ्यों और कानून को देखकर फैसला देते हैंये चीजें उनके आड़े नहीं आतीं
तथ्यों और कानून को देखकर फैसला लेते है : जस्टिस बोबडे