अमानतुल्लाह ने हिंसा के आरोपी ताहिर के बचाव में किया ट्वीट, भाजपा ने किया पलटवार
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" alt="" aria-hidden="true" />आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के ट्वीट से दिल्ली की सियासत गरमा गई है। विधायक ने आप से निलंबित पार्षद व हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन के बचाव में ट्वीट कर धार्मिक कार्ड खेला है। ट्वीट पर भाजपा नेताओं ने विधायक और उनकी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया। भाजपा नेताओं ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी सवाल किया कि क्या इसे पार्टी का आधिकारिक बयान माना जाए।


अमानतुल्लाह खान ने ट्वीट कर कहा कि ताहिर हुसैन इस बात की सजा काट रहा है कि वह एक मुस्लिम है। शायद आज हिंदुस्तान में मुस्लिम होना सबसे बड़ा गुनाह है। यह भी हो सकता है कि आने वाले वक्त में यह साबित कर दिया जाए कि दिल्ली में हिंसा ताहिर हुसैन ने ही कराई है। इस ट्वीट के बाद भाजपा नेताओं ने भी पलटवार शुरू कर दिया।

भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस ट्वीट पर कहा कि वाह रे आप की तुष्टिकरण की राजनीति। उन्होंने पूछा कि क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधायक अमानतुल्लाह की बात से सहमत हैं। मुख्यमंत्री बताएं कि ताहिर हुसैन किन कर्मों की सजा काट रहा है। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी नीलकांत वक्शी ने कहा कि अमानतुल्लाह विधायक होने लायक है क्या? हिंदुस्तान को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। भाई-बहन बच्चों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। सांविधानिक पद पर बैठे ऐसे लोग क्या दिल्ली को आगे बढ़ने देंगे? अगर ताहिर दोषी है तो अमानतुल्लाह भी नहीं बचा पाएंगे, हिंदुस्तान के कानून पर भरोसा है। 

भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने ट्वीट पर चुनौती देते हुए कहा कि अमानतुल्लाह खान इसी बयान को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से दिलवा के दिखाएं। साथ ही केजरीवाल से सवाल किया है कि क्या विधायक के इस बयान को आम आदमी पार्टी व दिल्ली सरकार का अधिकारिक बयान माना जाए। भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा है कि अमानतुल्लाह वहीं है, जिनकी नजर में बटला हाउस के आतंकवादी भी बेगुनाह थे। 

इस मामले में भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने शांति व सद्भाव कमेटी के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज को एक पत्र लिखकर पूछा है कि नफरत फैलाए जाने से रोकने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। क्या टवीट् पर संज्ञान लेकर विधायक पर कमेटी के माध्यम से उचित दंडात्मक कार्रवाई करेंगे।



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प्रतापगढ़ :
आज मनुष्य भौतिकतावाद की आंधी में बहकर अधिकतम धन-सम्पत्ति अर्जन कर, भोग-विलास के साधनों से क्षणिक सुखों की म्रगतृष्णा में भटक रहा है,इसलिए वह ईश्वर प्रदत्त शाश्वत शांति और आंनंद प्राप्ति से दूर ही होता जा रहा है। अज्ञानता वश इस सत्य से अनभिज्ञ है,की सुख-दुख की अनुभूति करने वाला केवल एक ही मन है। सनातन वैदिक धर्म की मान्यताओं में इसलिए सुख विशेष की अवस्था को स्वर्ग तथा दुख विशेष की अवस्था को ही नर्क कहा गया है। शांति के बिना आनंद की प्राप्ति सम्भव नही यही जगत का अटल सत्य है। सुख-दुख केवल एक मन की अवस्था का नाम है। ऐसा होना कभी सम्भव नही की संवेदनहीन निष्ठुर,कठोर ह्रदय से हम दुखों की अनुभूतियों को नजर -अंदाज कर दें और उसी ह्रदय से सुख,आनंद अनुभव कर लें इन अनुभूतियों के लिए ह्रदय का संवेदनशील होना आवश्यक है। वेद का शाब्दिक अर्थ ही ज्ञान है। वह सनातन, सार्वभौमिक होने के साथ विज्ञान न्याय,धर्म सम्मत भी है। जगत नियंता ईश्वर ही श्रष्टि का आटो माइन सिस्टम है। उसके विधान को विज्ञान की कोई भी तकनीक से बदलना सम्भव नही है। इसका सीधा सा एक अर्थ है,की दूसरे जीवों की पीड़ाओं, कष्टों, दुखों, परेशानियों को महसूस करने के प्रति,मनुष्य जितना उदासीन ,संवेदनहीन होगा,वह सुख-आंनद की अनुभूति से भी उतना ही वंचित रहेगा।दूसरे का अहित चाहने का विचार भी हमारे ही मन में उपजता है ऐसा होते ही हमारी हानि की शुरुआत हो जाती है। क्रोध करते ही हमारा बी.पी बढ़ने लगता है।निराशा,कुंठा अवसाद के विचार मन में आते ही डिप्रेशन,एन्जायटी,लो-बी.पी की समस्या घर करने लगती है।आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के नवीन शोधों के निष्कर्ष भी अब यही जता रहे है नकारात्मक विचारों का हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भविष्य की दुनियां में रोग- निदान में मनोचिकित्सा की बहुत बडी भूमिका उभर कर सामने आयेगी।